चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष मंत्री डॉ. साधौ ने ग्वालियर में प्रदेश की प्रथम औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का किया शुभारंभ प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें मिलेंगी आयुर्वेद को मेडीकल टूरिज्म के रूप में बढ़ावा दिया जायेगा
चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष मंत्री डॉ. साधौ ने ग्वालियर में प्रदेश की प्रथम औषधि परीक्षण
प्रयोगशाला का किया शुभारंभ
प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें मिलेंगी
आयुर्वेद को मेडीकल टूरिज्म के रूप में बढ़ावा दिया जायेगा
ग्वालियर 29 नवम्बर 2019/ चिकित्सा शिक्षा, आयुष एवं संस्कृति मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि प्रदेश के नागरिकों को बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा की सुविधा प्राप्त हो, इस दिशा में राज्य सरकार कार्य कर रही है। मंत्री डॉ. साधौ शुक्रवार को आयुष विभाग के तहत शासकीय (स्वशासी) आयुर्वेद महाविद्यालय परिसर ग्वालियर में प्रदेश की पहली शासकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के शुभारंभ कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहीं थीं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक श्री मुन्नालाल गोयल ने की। कार्यक्रम में विधायक श्री प्रवीण पाठक, आयुष विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती शिखा दुबे, आयुष विभाग के आयुक्त श्री संजीव झा, आयुष की संयुक्त संचालक डॉ. शोभना शुक्ला, शासकीय (स्वशासी) आयुर्वेद महाविद्यालय ग्वालियर के प्राचार्य डॉ. महेश शर्मा सहित महाविद्यालय के प्राध्यापकगण सहित चिकित्सक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ चाहते हैं कि प्रदेश में नागरिकों को बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हों, इसी दिशा में राज्य सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में शुरू हुई शासकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला प्रदेश की पहली एक मात्र प्रयोगशाला है। इस प्रयोगशाला के शुरू हो जाने से ग्वालियर अंचल सहित सम्पूर्ण प्रदेश के लोगों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रयोगशाला के माध्यम से आयुर्वेद एवं यूनानी दवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया जायेगा। जिससे मरीजों को गुणवत्तापूर्ण दवायें प्राप्त हो सकें। इस प्रयोगशाला का विस्तार कर होम्योपैथी दवाओं के परीक्षण की व्यवस्था की जायेगी। डॉ. साधौ ने कहा कि आयुर्वेद उपचार दुनिया की प्राचीन पेथी है। हजारों वर्षों से हमारे पूर्वज इसी पेथी का उपयोग करते आ रहे हैं। मंत्री डॉ. साधौ ने कहा कि उनके क्षेत्र महेश्वर में रहने वाली भील जनजाति के लोग अपना उपचार आयुर्वेद के रूप में जंगलों से एकत्रित जड़ी-बूटियों से कर रहे हैं।
आयुष मंत्री डॉ. साधौ ने कहा कि अन्य प्रदेश के समान म.प्र. में आयुर्वेद को मेडीकल टूरिज्म के रूप में बढ़ावा देने हेतु सरकार कार्य कर रही है। इस दिशा में पंचकर्म एवं शिरोधार्य उपचार की आयुर्वेदी पद्धति को और बढ़ावा दिया जा रहा है। जिससे स्थानीय स्तर पर युवा बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हो सके। डॉ. साधौ ने महाविद्यालय के चिकित्सक छात्र-छात्राओं से कहा कि वह एक अच्छे चिकित्सक बनने के साथ – साथ प्रदेश की जनता को भी अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधायक श्री मुन्नालाल गोयल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में आयुर्वेद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आयुर्वेद दुनिया की पुरानी उपचार पद्धति रही है। वर्तमान में लोगों का रूझान एवं रूचि आयुर्वेद के प्रति बढ़ी है। आवश्यकता इस बात की है कि आयुर्वेद को कैसे आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला के शुरू हो जाने से ग्वालियर अंचल सहित प्रदेश के मरीजों को गुणवत्तापूर्ण दवायें प्राप्त होंगी एवं मिलावट पर रोक लगेगी।
विधायक श्री प्रवीण पाठक ने कहा कि इस प्रयोगशाला की आधारशिला वर्ष 2002 में तत्कालीन मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ द्वारा रखी गई थी। जिसका शुभारंभ मंत्री डॉ. साधौ द्वारा किया जा रहा है। इस प्रयोगशाला के शुरू कराने में डॉ. साधौ का विशेष योगदान रहा है। श्री पाठक ने कहा कि 15 वर्षों के दौरान प्रदेश में आयुष विभाग की चिंता नहीं की गई। आयुष मंत्री के रूप में डॉ. साधौ ने मेडीकल कॉलेजों के साथ आयुर्वेद चिकित्सा की डिस्पेंसरी खोलने की चिंता कर प्रदेश के सभी जिलों में 30 बिस्तरों के चिकित्सालय की व्यवस्था की गई। जिससे इन चिकित्सालयों में बीए एमएस के छात्र अपना अध्ययन पूर्ण कर चिकित्सक के रूप में मरीजों की सेवा कर सकें।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती शिखा दुबे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सभी राज्यों में शासकीय प्रयोगशालायें हैं। लेकिन प्रदेश में इस प्रयोगशाला के शुरू हो जाने से मरीजों को मिलने वाली आयुर्वेद दवाओं की गुणवत्ता की जांच हो सकेंगी। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद की 22 दवाओं के कन्टेन की जांच की सुविधा प्राप्त होगी। इस प्रयोगशाला का विस्तार करने पर भी विचार किया जा रहा है।
आयुष विभाग के आयुक्त श्री संजीव कुमार झा ने कहा कि विभाग के प्रयासों एवं ग्वालियर जिले की जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह प्रयोगशाला शुरू की गई है। जाँच से औषधियों के गुणों में सुधार आएगा। कार्यक्रम के शुरू में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. महेश शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि आयुष ग्राम योजना के तहत 30 गामों में ग्रामीणों के उपचार का कार्य किया गया है। जहाँ एनीमिया एवं कुपोषण को दूर करने के साथ ऐसे मरीजों पर फोकस किया गया है जहां सर्वाधिक मरीज किसी बीमारी के कारण बीमार हैं। गाँव की हेल्थ रिपोर्ट भी तैयार की गई है। आयुष मंत्री ने प्रयोगशाला का अवलोकन कर जानकारी ली। कार्यक्रम के शुरू में भगवान धनवंतरी का पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलन किया। आयुर्वेद महाविद्यालय की ओर से अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया।
मंत्री एवं विधायकगणों ने ई-रिक्शा में बैठकर किया चिकित्सालय का भ्रमण
चिकित्सा शिक्षा, आयुष एवं संस्कृति मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय का अवलोकन कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय के विभिन्न भागों का अवलोकन कर निर्माण कार्य में गति लाने के संबंध में निर्माण एजेन्सी को निर्देश दिए। इस दौरान बताया गया कि सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय में ओपीडी में मरीजों का उपचार किया जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने ई-रिक्शा से विधायक श्री मुन्नालाल गोयल एवं विधायक श्री प्रवीण पाठक के साथ ई-रिक्शा से जयारोग्य चिकित्सालय की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मंत्री एवं विधायकगणों ने जयारोग्य चिकित्सालय, सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय, केआरजी चिकित्सालय पहुँचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
आयुष मंत्री डॉ. साधौ ने कहा कि ई-रिक्शा आज की आवश्यकता है। यह पर्यावरण संतुलन बनाने के साथ प्रदूषण रोकने में भी सहायक है। ई-रिक्शों के माध्यम से मरीजों को जेएएच परिसर में विभिन्न विभागों में लाने एवं ले जाने में उनके परिजनों को काफी सुविधा मिलेगी।
विधायक श्री प्रवीण पाठक ने कहा कि जयारोग्य चिकित्सालय समूह के परिसर की दूरी को देखते हुए मरीजों के लिए विधायक द्वारा ई-रिक्शा नाम से पाँच रिक्शे दिए जायेंगे। जिसमें आज 2 ई-रिक्शों का शुभारंभ किया गया है। इन ई-रिक्शों के शुरू हो जाने से मरीजों एवं अटेण्डरों को आने-जाने में काफी सुविधा होगी।
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