डॉक्टर प्रियंका रेड्डी से दो गलतियां हुई थी। एक तो वह स्कूटी पंचर होने के बाद उसे छोड़कर शाद नगर एरिया से तुरन्त बाहर नहीं निकली। दूसरी गलती ये कि प्रियंका इस मामले में एजुकेटेड नहीं थी।

डॉक्टर प्रियंका रेड्डी से दो गलतियां हुई थी। एक तो वह स्कूटी पंचर होने के बाद उसे छोड़कर शाद नगर एरिया से तुरन्त बाहर नहीं निकली। दूसरी गलती ये कि प्रियंका इस मामले में एजुकेटेड नहीं थी


शांतिदूतों ने सामूहिक बलात्कार के बाद प्रियंका रेड्डी के शरीर को जला दिया। यही प्रियंका वैचारिक हिंदुत्व समूह से जुड़ी होती तो शायद आज वह जीवित होती। ''शाद नगर" हैदराबाद जिले का सघन मुस्लिम आबादी वाला क्षेत्र है। आईएस के भगोड़ों के छुपने की माकूल जगह है। तीन वर्ष पूर्व यहां एक मोस्ट वांटेड आतंकी "नईम" एनआईए के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। 


मुल्लों की सघनता वाले इलाके में आप सोच ही सकते हैं कि रात के समय एक 25 वर्षीय डॉक्टर के साथ बलात्कार करने का शांतिदूतों के लिए कितना अनुकूल वातावरण रहा होगा। 


चैनल के भेड़िये और शेखुलर दल्ले तो इस खबर तक पहुंच ही नहीं पाए हैं और दूसरे मीडिया संस्थान इस मध्ययुगीन वारदात को हल्के में ले रहे हैं क्योंकि पीड़िता एक हिन्दू थी। यही पीड़िता मुस्लिम होती तो अब तक र-विष कुमार शादनगर पहुंच जाते।