मध्य प्रदेश ग्वालियर से बड़ी कार्यवाही सरकारी जमीन पर बना रिटायर्ड पटवारी का मैरिज गार्डन घर ताेड़ा,
चेंबर उपाध्यक्ष के कब्जे से मुक्त कराया रास्ताएंटी माफिया अभियान के तीसरे दिन प्रशासन, निगम और पुलिस के संयुक्त अमले ने सरकारी जमीनाें पर कब्जा कर तैयार की गईं
एंटी माफिया अभियान के तीसरे दिन प्रशासन, निगम और पुलिस के संयुक्त अमले ने सरकारी जमीनाें पर कब्जा कर तैयार की गईं इमारतों को तोड़ा। लश्कर क्षेत्र के पूर्व पटवारी भगवान सिंह के परिवार के कब्जे से गोले का मंदिर क्षेत्र में 9 बीघा जमीन मुक्त कराई गई। यहां बने लाड़ली मैरिज गार्डन, गैराज, सिंह ढाबा और काेठीनुमा घर के अलावा जोधपुर मिष्ठान भंडार काे दाे जेसीबी और एक पाेकलेन मशीन का उपयाेग कर गिरा दिया गया। पंजीयन विभाग की गाइड लाइन के मुताबिक इस जमीन की कीमत 60 करोड़ रुपए है। टीम ने देर शाम कृष्णा नगर में मप्र चेंबर ऑफ काॅमर्स के उपाध्यक्ष एवं भाजपा नेता पारस जैन द्वारा घर के पीछे एक बीघा सरकारी जमीन पर बनाए गए टीनशेड और पार्क को भी ताेड़ दिया। कार्रवाई से पहले कलेक्टर अनुराग चौधरी, आयुक्त नगर निगम संदीप माकिन और पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने जमीन देखी थी।
पारस जैन ने बाउंड्री बना रोक रखा था रास्ता
कृष्णानगर में पारस जैन द्वारा सरकारी जमीन पर बनाई बाउंड्री तोड़ता अमला।
गाेला का मंदिर: सरकारी जमीन पर बनी थी काेठी
जिस 9 बीघा सरकारी जमीन से अतिक्रमण से हटाया गया, वहां पूर्व पटवारी भगवान सिंह यादव का परिवार कोठी में रह रहा था। एसडीएम सीबी प्रसाद के मुताबिक, यहां सुघर सिंह यादव द्वारा लाड़ली मैरिज गार्डन बना रखा था। जोधपुर मिष्ठान भंडार को कुछ हिस्सा किराए पर दिया गया था। शैलू राजावत का सिंह ढाबा व रेस्टारेंट भी सरकारी जमीन पर चलते मिला।
कृष्णा नगर: कब्जा हटाया तो 75 फीट का रास्ता निकला
मप्र चेंबर ऑफ काॅमर्स के उपाध्यक्ष एवं भाजपा नेता पारस जैन ने यहां सरकारी जमीन पर कब्जा कर चारदीवारी बनाने के साथ अंदर टीनशेड डाल रखा था। इसमें गाय और भैंस पले हुए हुए थे। इसके बगल में पार्क बना लिया गया था। इसमें प्रवेश के लिए मकान में रास्ता बना लिया गया। निगम अमले इसकी तुड़ाई की तो 75 फीट चौड़ा रास्ता खुला, जो मुक्तिधाम से जुड़ता है।
मुरार: नगर निगम ने रेलवे की पुरानी इमारत को तोड़ा
निगम अमले ने मुरार सब्जी मंडी में पुराने स्टेशन की इमारत को तोड़ दिया। यह इमारत खतरनाक हो चुकी थी। हालांकि रेलवे अधिकारियों ने इस कार्रवाई को गलत ठहराया।