मध्य प्रदेश विश्वस्तरीय होगा ग्वालियर स्टेशन सुविधाओं पर खर्च होंगे 240 करोड़ रुपए, कवर्ड होंगे सभी प्लेटफार्म,केंद्र सरकार की पीपीपीए कमेटी ने दी मंजूरी
मध्य प्रदेश विश्वस्तरीय होगा ग्वालियर स्टेशन सुविधाओं पर खर्च होंगे 240 करोड़ रुपए, कवर्ड होंगे सभी प्लेटफार्म,केंद्र सरकार की पीपीपीए कमेटी ने दी मंजूर
ग्वालियर। देश के ग्वालियर सहित चार रेलवे स्टेशनों पर पीपीपी मॉडल पर विश्वस्तरीय सुविधाएं जुटाई जाएंगी। केंद्र सरकार की पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप एप्रेजल कमेटी (पीपीपीएसी) की दिल्ली में हुई बैठक में इसकी मंजूरी हो गई है। इन स्टेशनों में ग्वालियर के अलावा अमृतसर, साबरमती और नागपुर भी शामिल हैं। इन पर 1037 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। इसमें ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर 240 करोड़ रुपए खर्च कर एयरपोर्ट की तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। रेलवे इसके लिए 23 दिसंबर को टेंडर अपलोड करने जा रहा है। प्रोजेक्ट में ग्वालियर स्टेशन की हैरिटेज इमारत का खास ध्यान रखा है।
री-डेवलपमेंट के तहत सिंधिया स्टेट के समय की बनी इमारत को छोड़कर आसपास बने दोनों ब्लॉकों को तोड़ा जाएगा, लेकिन निर्माण कार्य में हैरिटेज लुक का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही सभी प्लेटफार्मों को पूरी तरह कवर्ड किया जाएगा। यहां दिन में जहां प्राकृतिक प्रकाश व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाएगा, वहीं रात में बेहतर प्रकाश के लिए उच्च क्वालिटी की लाइट्स लगाई जाएंगी। रेलवे कॉलोनी का एरिया भी दिया जाएगा : पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत काम करने वाली कंपनी को स्टेशन विकसित करने के एवज में 9 लाख वर्ग फीट एरिया दिया जाएगा। इनमें रेलवे की तीन कॉलोनियों का हिस्सा भी शामिल होगा। यहां पर कंपनी मल्टी बनाकर कमर्शियल एरिया अपने पास रखेगी। ऊपर के हिस्से में रेलवे के अफसर और कर्मचारी रहेंगे।
प्रवेश और निकासी दोनों अलग-अलग होंगे
रेलवे स्टेशन पर आने और जाने वाले यात्रियों की वजह से भीड़ न हो, इसके लिए प्रवेश और निकासी द्वार की अलग-अलग व्यवस्था होगी। स्टेशन का पूरा क्षेत्र 100 प्रतिशत सीनियर सिटीजन और दिव्यांग फ्रेंडली होगा। यात्रियों के बैठने की पर्याप्त सुविधा होगी। स्टेशन के बाहर ही एस्केलेटर की व्यवस्था होगी। इससे वे सीधे प्लेटफार्म 2-3 और 4 पर जा सकेंगे। टेंडर जिस भी कंपनी का खुलेगा। उसे विकास के साथ-साथ 99 साल की लीज दी जाएगी। स्टेशन पर आने वालों के लिए पिकअप और ड्राप अप करने की अलग-अलग व्यवस्था होगी। पार्किंग की व्यवस्था दोनों तरफ होगी। वर्ल्ड क्लास स्तर की पैसेंजर सुविधा होगी। पैदल चलने का अलग से एरिया होगा। कैटरिंग का सामान ले जाने की अलग व्यवस्था होगी। ट्रेन डिस्प्ले, फायर सिस्टम, सिक्यूरिटी सिस्टम होगा।
रेलवे की इन इमारतों को हटाया जाएगा : रेलवे स्टेशन परिसर में आरपीएफ थाना, आरपीएफ बैरक , सीनियर सेक्शन इलेक्ट्रिकल आफिस और स्टोर, प्लेटफार्म-4 पर बनी बिल्डिंग, टिकट आफिस, दुकानें (एक नंबर- चार नंबर), एसएसई वर्क का आफिस, पोस्ट आफिस, प्लेटफार्म-4 के बाहर बने टॉयलेट, पार्सल आफिस आदि हटाए जाएंगे।
तापमानरोधी होगी स्टेशन की इमारत
स्टेशन के री-डवलपमेंट में ग्रीन बिल्डिंग प्रोजेक्ट का ध्यान रखा जाएगा। स्टेशन पर पहुंचने वालों को सर्दी के दिनों में सर्दी और गर्मी के दिनों में गर्मी नहीं लगेगी। इसके लिए इमारतों की दीवारों के बीच में गेप रखा जाएगा।
दो फेज में होगा काम
पहला फेज: कंपनी रेलवे के आवास तोड़ेगी। स्टेशन पर आने-जाने वालों के लिए लॉबी बनाएगी। प्लेटफार्म-1 पर बने ऑफिस शिफ्ट होंगे
दूसरा फेज : प्लेटफार्म एक की तरफ मल्टी लेबल पार्किंग, स्टाफ आवास बनेंगे। यात्रियों के लिए पिकअप और ड्राप अप प्वाइंट बनाए जाएंगे।