चंडीगढ़.अपने ढाई साल के बेटे दिव्यांशु को बेड में बंद कर मारने वाली रूपा ने एक कत्ल नहीं किया, बल्कि इससे पहले अपनी साढ़े 6 महीने की बेटी कोमल की भी हत्या की थी। इसमां ने बच्ची को दूध पिलाने के लिए गोद में उठाया, मासूम जब दूध पी रही थी तो रूपा ने अपने अंगूठे से कोमल की गर्दन की हड्डी दबाकर तोड़ दी, फिर उसका मुंह बंद कर सांसें रोक दी।
डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम कर खुलासा किया
हत्या करने के बाद रूपा ने उसे लिटा दिया और इसे नेचुरल मौत का रूप दे दिया गया। मौत के एक महीने बादअब जब बुधवार को बच्ची का शव कब्र से निकालकर पुलिस ने पोस्टमाॅर्टम करवाया। 7 घंटे फॉरेंसिक टीम के साथ चले डॉक्टरों के पोस्टमाॅर्टम में खुलासा हुआ कि बच्ची की गर्दन की हड्डी टूटी हुई है और यही उसकी मौत की वजह है। इस पर पुलिस ने रूपा पर बेटे के साथ-साथ अब बेटी के कत्ल का भी केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस की सख्ताई के सामने टूट गई रूपा
दो दिनों से अपनी बेटी की हत्या की वारदात को कबूल न करने वाली रूपा को जब डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने सख्ताई से पूछा, तो रूपा पहले मना करने लगी। जब रूपा को पुलिस ने कहा कि वे जान चुके हैं कि बच्ची की गर्दन की हड्डी तोड़कर तुमने उसे मारा,तो रूपा तुरंत अपना जुर्म मान गई। पुलिस ने रूपा को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
दशरथ को बेड में मिला था बच्चा
रूपा और उसके पति दशरथ में अनबन थी। रूपा ने अपने ढाई साल के बच्चे को बेड बॉक्स में बंद कर उसकी रविवार को हत्या कर दी थी। उसे तब तक बंद रखा, जब तक वह दम नहीं तोड़ गया। इसमें मासूम बच्चे की दम घुटने से मौत हो गई। यह दिल दहलाने वाली वारदात बुड़ैल के मकान नंबर 1658 की है। घटना का खुलासा रविवार रात 8:30 बजे करीब उस वक्त हुआ था, जब बच्चे का पिता अपना काम खत्म कर घर लौटा। पत्नी और बच्चे को गायब देख वह घबरा गया। उसने जब अपनी पत्नी को फोन किया तो आरोपी महिला ने बताया कि बच्चा बेड बॉक्स के अंदर है। उसके बाद जैसे ही उसने बेड बॉक्स खोला तो अंदर बच्चे का शव पड़ा देख उसने पुलिस को सूचना दी। बाद में पुलिस ने दशरथ के बयानों पर आरोपी पत्नी रूपा के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था।
पति का भी कत्ल कर सकती थी
पुलिस को शक है कि बच्चों के कत्ल के साथ साथ रूपा अपने पति दशरथ का भी कत्ल करना चाह रही थी। जबकि उसकाे मौका नहीं मिला। जिस कारण दशरथ बच गया।