मध्य प्रदेश भोपाल. से बड़ी खबर रेलवे में टिकट कलेक्टर और असिस्टेंट स्टेशन मास्टर बनाने के नाम पर बेरोजगारों को ठगने वाले पुलिस के बर्खास्त सिपाही सुधीर दोहरे का पुलिस में भी अच्छे संपर्क थे। अपने साथ हुई धोखाधड़ी का अहसास होने पर जब बेरोजगार अपनी रकम वापस मांगते थे तो वह पुलिस का ही सहारा लेता था। ये पुलिसकर्मी भुसावल के बताए जा रहे हैं।
टीआई सुधेश तिवारी के मुताबिक गुरुवार दोपहर धोखाधड़ी के इस मामले गिरफ्तार सुधीर दोहरे और उसके भतीजे राजेश को अदालत में पेश किया गया। पूछताछ और रिकवरी का हवाला देकर पुलिस ने दोनों की रिमांड अदालत से मांगी। अदालत ने दोनों को आठ दिन तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। जल्द ही एक टीम दोनों को लेकर भुसावल के उस कम्युनिटी हॉल जाएगी, जहां बेरोजगारों को टिकट कलेक्टर और असिस्टेंट स्टेशन मास्टर की ट्रेनिंग दी जात थी। पूछताछ में दोनों ने बताया है कि ये कम्यूनिटी हॉल वे दो महीने तक किराए पर लेते थे। पुलिस अब ये पता लगाएगी कि रेलवे बाहरी व्यक्तियों को किस आधार पर अपना कम्युनिटी हॉल किराए पर देता था?
आने लगे पीड़ितों के फोन, जहां हैं वहीं करवाएं शिकायत
टीआई ने बताया कि सुधीर और राजेश द्वारा ठगे गए लोगों के फोन आने लगे हैं। उनके रसूख और पहुंच के आगे बेरोजगार अक्सर शिकायत नहीं करते थे। भोपाल पुलिस ने अपील की है कि इन दोनों ने जिस-जिस के साथ धोखाधड़ी की है, वह अपने क्षेत्र के थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत करे।
कोरे पन्ने पर करवाए साइन का इस्तेमाल
टीआई तिवारी के मुताबिक फॉर्म भरवाने के दौरान बेरोजगारों से आरोपी कोरे पन्ने पर साइन भी करवा लेते थे। यदि कोई अपनी रकम वापस मांगने के लिए दबाव बनाता था तो उसी पन्ने पर मनमर्जी से बयान टाइप करवा देते थे, जिससे बेरोजगारों के पास कोई लीगल रास्ता नहीं बचता था।