गरीब मजदूरों को मुकाम तक पहुंचाने पांचवे दिन भी मुस्तैद रही आरटीओ की टी
ग्वालियर। कोरोना महामारी की दस्तक के बाद शुरू हुए लॉक डाउन के आठवें दिन भी मजदूरों व उनके परिवारों का पलायन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।आज सोमवार को भी ग्वालियर जिले की सीमा से लगे हाईवे पर मजदूरों व उनके परिवारों को सैकडों की संख्या पैदन अपने मुकाम की और जाते देखा गया।वहीं आज भी ग्वालियर आरटीओ की टीम महेरा टोल प्लाजा व बस स्टैंड पर गरीब मजदूरों व उनके परिजनों को निशुल्क उनके घरों तक पहुंचाने के लिए मशक्कत करते हुए देखा गया। बताया जाता है कि सेमवार को भी आरटीओ द्वारा करीब दो दर्जन यात्री बसों को ग्वालियर से छतरपुर, टीकमगढ़, झांसी,नीमच, शिवपुरी, गुना सहित इंदौर के लिए रवाना किया गया।
ग्वालियर की सीमा से लगे हाईवे पर आज सोमवार को भी सैकड़ों गरीव मजदूरों व उनके परिवारों को पैदल अपने घरों को जाते देखा गया। इन्हीं मजदूरों व उनके परिवारों सुरक्षित उनके मुकाम तक पहुंचाने के लिए आरटीओ ग्वालियर की टीम सड़कों पर मुस्तैदी से लगी रही। बताया जाता है कि आज ग्वालियर से दो दर्जन बसों के अलग-अलग स्थानों के लिए रवाना किया गया।
सामाजिक संस्थाओं ने बुझाई गरीबों की भूख
कहते है एक परौपकार हजारों बुराईयों को दूर कर देता है।ऐसे ही परोपकारों की झड़ी ग्वालियर में कोरोना की महामारी के बीच देखने को मिली। यहां शहर की कई सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने अपने आपकों भुलाकर भूख प्यास से बिलखते गरीब मजदूरों के बच्चों व उनके परिवारों को निशुल्क भोजन व पानी पिलाकर परोपकार की परिभाषा को चरिर्ताथ कर दिखा दिया।
इनकी रही सराहनीय भूमिका
आरटीओ ग्वालियर की टीम में इन्होंने किया सराहनीय काम एआटीओ रिकू शर्मा, आरटीआई रूप शर्मा, अजीत बाथम, सोनी जी, टीएसआई प्राची शर्मा,एएसआई सुरेश पाठक,प्रधान आरक्षक वेदप्रकाश बंसल सहित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय लिपिक सजल पांडे, जगदीश राजौरिया, शैलेन्द्र सिंह भदौरिया एवं रिटार्यड लिपिक विष्णु अष्ठाना ने किया।