विजया पाठक
छत्तीसगढ़ के निर्माता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी अब हमारे बीच नहीं है l भारतीय प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर राजनीति की दहलीज पर पांव रखकर मुख्यमंत्री पद तक का सफर तय किया l राजनीति के इस सफ़रनामे में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे l राजनीतिक सामाजिक और पारिवारिक मुसीबतों ने अजीत जोगी को अपने सफरनामा में कभी विचलित नहीं होने दिया आज हम जिस छत्तीसगढ़ की उज्जवल तस्वीर देख रहे हैं उसकी नींव एक जमाने में जोगी जी ने हीं रखी थी l उनके प्रयासों से हीं प्रदेश का गठन हुआ l प्रशासनिक अधिकारी होने के बावजूद उनमें सर्वमान्य नेता होने के सारे गुण मौजूद थे l यहीं कारण था कि वह आदिवासी नेताओं में प्रमुख माने जाने लगे l
मैं अजीत जोगी जी को बहुत करीब से जानती थी l जब से वह छत्तीसगढ़ के सीएम बने तब से मेरे उनसे मधुर संबंध थे l तब से ही जब भी मेरा छत्तीसगढ़ प्रवास होता था जोगी जी से मुलाकात जरूर होती थी l ये समय निकालकर हमेशा मौजूदा राजनीति पर चर्चा करते थे l उनमें मैंने एक बात देखी है l उनमें लोगों को प्रभावित करने की अद्भुत क्षमता थी l उनसे एक बार मिलने के बाद लोग प्रभावित होते थे l मौजूदा परिस्थितियों पर तो वह केंद्रित होते थे हीं भविष्य की तस्वीर देखने में भी माहिर थे l आज हम जिस छत्तीसगढ़ की तस्वीर देख रहे हैं उस तस्वीर को खींचने में जोगी जी का बहुत बड़ा योगदान है l आदिवासी बाहुल्य प्रदेश होने के बावजूद आज छत्तीसगढ़ सबसे ज्यादा उन्नति करने वाला राज्य है l आदिवासियों के कल्याण और हितों के लिए जोगी जी ने बहुत काम किया है l प्रशासनिक दक्षता के कारण उन्होंने देश में आदिवासियों को सशक्त और प्रभावी बनाया l यही कारण है कि आज भी प्रदेश के आदिवासी लोग अपना पसंदीदा नेता मानते हैं l समाज से सरोकार रखने वाले अजीत जोगी आखरी सांस तक आदिवासियों के लिए काम करते रहे l जब सरकार में थे तब भी आदिवासीयों के लिए लड़ते थे और जब सरकार का हिस्सा नहीं रहे तब भी लड़ते रहे l आज भी वह अपने बेटे अमित जोगी के लिए सशक्त और प्रभावी राजनीतिक पृष्ठभूमि छोड़ गए हैं l वर्तमान विधानसभा में जोगी जी की पार्टी के सात विधायक हैं l
चंद्रशेखर महाजन
ब्यूरोचीफ मध्यप्रदेश