*कमलनाथ ने अपने ओएसडी प्रवीण कक्कड़ को दिलवाया था बिजली कम्पनियों में ठेका* *करोड़ों रूपये के नुकसान का जिम्मेदार कौन?* *कक्कड़ को फायदा पहुंचाने के लिए कमलनाथ ने 70% शर्तो को बदला*
*विजया पाठक*
*एडिटर जगत विज़न*
पूर्व सीएम मध्यप्रदेश कमलनाथ के ओएसडी रहे प्रवीण कक्कड़ कमलनाथ के कितने खास है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कमलनाथ सरकार में प्रवीण कक्कड़ को बिजली कंपनियों में नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों के ठेके दिए गए थे। कमलनाथ के दाहिने हाथ माने जाने वाले प्रवीण कक्कड़ ने औन-पौने दामों में ठेका लेकर सरकार को सैकड़ों करोड़ का चूना लगाया है। अब प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार है तो कमलनाथ सरकार की परतें खुल रही है। ताजा मामला भी प्रवीण कक्कड़ के कारनामों को उजागर कर रहा है। कमलनाथ सरकार ने बिजली कंपनियों में आऊटसोर्स पर मैनपॉवर सर्विसेज में टेंडर प्रवीण कक्कड़ के बेटे और पार्टनर की कंपनी को फायदा पहुँचाने के लिये 70% शर्तो को बदल दिया गया था। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यह कार्यवाही पूर्व मंत्री विजय शाह के लिखित शिकायत पर की है। विजय शाह ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि 28-30 हजार मेन पॉवर वाले इस टेंडर में प्रवीण कक्कड़ के बेटे की कंपनी को बहुत लाभ पहुँचाया गया है। प्रदेश की तीनों बिजली कंपनी पश्चिम क्षेत्र (इंदौर) मध्य क्षेत्र (भोपाल,ग्वालियर) और पूर्व क्षेत्र (जबलपुर) में आऊटसोर्स कर मेनपॉवर सर्विसेज के लिए 2019 में टेंडर जारी हुए थे। कांग्रेस सरकार में जारी इन टेंडरों को लेकर विजय शाह ने 4 मई 2020 को सीएम को लिखित शिकायत की थी। अब सरकार ने फैसला लिया है कि नए टेंडर जारी होने तक पुरानी कंपनियों को एक्सटेंशन मिलेगा।
अब सवाल उठता है कि 2019 से अब तक इस कंपनी ने कितने रूपये का नुकसान किया हैं या कहे सरकार को चूना लगाया है उसका जिम्मेदार कौन है? 938 करोड़ के इस गोरख धंधे में क्या पूर्व सीएम कमलनाथ आरोपी नही है। निश्चित रूप से यह गैर-कानूनी काम कमलनाथ के कहने पर ही हुआ है। कमलनाथ और प्रवीण कक्कड़ की दोस्ती जगजाहिर है। यही कारण रहा कि कमलनाथ ने भी सारे नियम-कायदों को ताक पर रख दिया। एक तरफ जहां छोटे से छोटे कर्मचारियों पर वित्तीय अनियमितताएं होने पर एफआईआर तक हो जाती है और भ्रष्टाचार के आरोप गढ़ दिए जाते हैं क्या प्रवीण कक्कड़ जैसे पॉवरफुल व्यक्ति पर कुछ कार्यवाही नही होना चाहिए? निश्चित होनी चाहिए। यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार का मामला है। कंपनी मालिक के साथ-साथ कमलनाथ को भी आरोपी बनाना चाहिए।
निश्चित रूप से मुख्यमंत्री को इस मामले पर गंभीरता से सोचना चाहिए। ऐसे भ्रष्टाचारी लोगों के कारण बिजली कंपनियां दिन-ब-दिन घाटे में जा रही है। यदि कार्यवाही नही होगी तो ऐसे लोगों के हौसले और बुलंद होते चले जाएंगे। इससे पहले भी प्रवीण कक्कड़ ने कई कारनामों को जन्म दिया है। मेरा मानना है कि शिवराज सरकार, कमलनाथ सरकार के समय जितने भी टेंडर या ठेका प्रवीण कक्कड़ के बेटे की कंपनी को दिए है उनकी सबकी जॉच उच्च स्तरीय समिति से करवाए। निश्चित तौर पर कई घोटाले घपले सामने आएंगे और कमलनाथ की करतूतें भी उजागर होगी। एक बड़ा मामला यह बनता है कि प्रवीण कक्क्ड़ मुख्यमंत्री म.प्र.शासन के ओएसडी के रूप में काम कर रहे थे इन्होंने अपने पुत्र को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से ठेके दिलवाये। जबकि विजिलेंस कानून के तहत सरकारी व्यक्ति अपने रिश्तेदारों को पद रहते लाभ दिलवाते हैं तो वह कोड ऑफ कंडक्ट के विरूद्ध जाता है ऐसे में ओएसडी समीत तत्कालीन मुख्यमंत्री के विरूद्ध एफआईआर दर्ज होनी चाहिए एवं मामला शीघ्र ही ई.ओ.डव्ल्यू. में स्थानांतरित कर देना चाहिए।
जगत विज़न मासिक पत्रिका समय-समय पर भ्रष्टाचार और घपले-घोटाले के मामलों को उठाता रहा है। साथ ही जहां गैर-कानूनी कामों को भी उजागर करता रहा है। हाल ही में जगत विज़न ने सूचना के अधिकार के तहत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लि. भोपाल से ठेका श्रमिकों को लेकर जानकारी मांगी गई थी, ठेका श्रमिक मामले में भी बहुत बड़ी साजिश की बू आ रही है। सूचना के अधिकार के माध्यम से हमने जानकारी मांगी है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लि. में मानव संसाधन श्रमिक (एजेंसी श्रमिक) किस-किस एजेंसी के माध्यम से कार्यरत हैं। एजेंसी के माध्यम से कितने अधिकारी/कर्मचारी विगत वर्षों से पदस्थ हैं और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में कार्यरत् एजेंसी श्रमिक के अधिकारी/कर्मचारियों को एजेंसी के माध्यम से प्रतिमाह दिए जा रहे पारिश्रमिक से संबंधित दस्तावेजों की सत्यापित प्रति। यह एक ऐसी जानकारी हैं जिसमें निश्चित तौर पर बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। ठेका, श्रमिक कंपनी ने करोड़ों रूपए का बंटवारा किया है।
अब देखना होगा कि आगे शिवराज सरकार इस मामले में क्या कार्यवाही करती है। क्योंकि यदि बारीकी से जांच की गई तो घोटाला जरूर सामने आयेगा। और यदि घोटाला खुला तो एक-एक रूपये की उगाही कमलनाथ और प्रवीण कक्कड़ के बेटे की कंपनी से होनी चाहिए।
चंद्रशेखर महाजन
ब्यूरोचीफ मध्यप्रदेश